रुड़की: लोकतंत्र की बड़ी-बड़ी बाते करने वाली राजनीतिक पार्टियां चुनावी सभाओं में लोकतंत्र का किस कदर मखौल उड़ाती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शीर्ष नेताओं को खुश करने के लिए किराए पर भीड़ को इकठ्ठा कर बाद में उनका मेहनताना भी देना गवारा नही करते। कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दिया इमली खेड़ा में बसपा के कार्यकर्ता सम्मेलन में। दरअसल 2022 विधानसभा का चुनाव करीब है, तमाम पार्टियों के नेता चुनावी मैदान में है, जिनमे कुछ ऐसे नेता भी है जिनके साथ ज्यादा तादाद में जनसमर्थन नही है, पर वह अपनी पार्टी के नेताओ के सामने अपनी छवि बनाने के लिए भारी भीड़ दिखाने की जुगत में लगे हुए है।
बता दें कि गुरुवार को पिरान कलियर के इमलीखेड़ा गांव में बसपा के प्रत्याशी सुरेंद्र सैनी ने एक जनसभा का आयोजन किया, जिसमें बसपा के प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी सहित तमाम नेता शामिल हुए, रैली में एक हज़ार से पंद्रह सौ तक लोगो की भीड़ रही, बड़े नेता भीड़ देखकर गदगद हो गए, पर अगर इन नेताओं को पता चले कि उनके प्रत्याशी अधिकतर लोगों को रुपयों के साथ-साथ खाने का लालच देकर लाए थे तो क्या होगा।
इतना ही नही रुपयों का लालच दिया गया, पर बाद में वह भी नही दिए, जिनसे 500 रुपये प्रति व्यक्ति तय किया गया, उनमें कई लोगो को मात्र 2000 रुपये देकर कहा गया यह तो मिठाई के है, बाकी बाद में देंगे इन्हें रखलो, कहीं मीडिया वाले फोटो ना खींच ले, वही बहुत सी महिलाओं ने आरोप लगाए की उन्हें खाना और पेसो का लालच देकर बुलाया गया पर ना ही खाना दिया गया ना ही पैसे मिले। अब सवाल ये उठता है कि किराए की भीड़ के सहारे शीर्ष नेताओं को धोखे में रखकर प्रतियाशी जीत की मंजिल को कैसे पर लगा पाएंगे।