जनपद के इस अस्पताल में कितनी सरकारी सुविधाएं है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इमरजेंसी वार्ड में लाइट चले जाने पर कोई अस्थाई व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा नहीं की गई है। जो वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि इमरजेंसी वार्ड में लाइट जाने पर वहां मौजूद लोगों द्वारा मोबाइल की टॉर्च जलाई गई, तब वहां मौजूद डॉक्टरों द्वारा मरीज का इलाज किया गया। गनीमत ये रही कि जिस समय जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाइट गई थी उस समय किसी गंभीर रूप से घायल व्यक्ति का इलाज नहीं हो रहा था, नहीं तो कोई हादसा भी हो सकता था।
बता दें कि धर्मनगरी हरिद्वार पूरे विश्व में प्रसिद्ध है यहां देश और दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं, हरिद्वार में 12 साल में कुंभ और 6 साल में अर्ध कुंभ के साथ ही कई बड़े मेले आयोजित किए जाते हैं, मगर उसके बावजूद भी हरिद्वार का जिला अस्पताल सरकारी सुविधाओं की अनदेखी का शिकार हो रहा है, और हम यह बात यूं ही नहीं कह रहे हैं बल्कि आपको दिखाते भी है कि कैसे हरिद्वार जिला अस्पताल में लाइट चले जाने के बाद राम भरोसे मरीजों का इलाज किया जाता है।
दरअसल कोरोना महामारी का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ रहा है, हरिद्वार का सरकारी जिला अस्पताल कितना मुस्तैद है इसका अंदाजा आप लगा सकते है, अब देखना होगा शासन और प्रशासन जिला अस्पताल को दुरुस्त करने के लिए क्या कदम उठाता है, क्योंकि अभी तक तो शासन और प्रशासन के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे है।