रुड़की (इसरार मिर्जा)। कहते हैं जब इंसान का बुरा वक्त आता है तो उसे हर तरफ से दुख ही दुख मिलते है। कुछ ऐसा ही रूड़की से सटे ढंडेरा गांव निवासी एक गरीब परिवार के साथ भी हुआ है। पहले इस परिवार का मुखिया दुनिया को अलविदा कह गया और अब बारिश के चलते मकान भी ढह गया। इतना ही नही कच्चे मकान की दीवार परिवार के एक बच्चे के ऊपर भी गिर गई जिसमें बच्चा बुरी तरह जख्मी हो गया, अब दुःखी परिवार बच्चे के इलाज और सर छिपाने के लिए मकान की आस लगाए जनप्रतिनिधियों की ओर देख रहा है। सरकारी योजनाएं भी इस परिवार के जख्मों को नही भर पाई, जनप्रतिनिधियों के दावे भी पानी मे खुदकुशी कर गए, सहारा खोने के बाद दो बच्चो के साथ महिला मानो सबकुछ खो बैठी। दरअसल मामला रूड़की से सटे खानपुर विधानसभा के ढंडेरा स्थित मिलापनगर का है। जहां एक गरीब परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ इस कदर कहर बनकर बरसा की सर छिपाने का आशियाना तक छिन गया, दरअसल मिलापनगर निवासी एक महिला अपने पति और दो बच्चों के साथ कच्चे मकान में अपना जीवन यापन कर रही थी, अक्सर बरसात के दिनों में उसके मकान में पानी भर जाया करता था, अभी कुछ समय पहले परिवार के मुखिया का निधन हो गया तब महिला के परिजन उसको और दोनों बच्चो को अपने साथ ले गए, कुछ दिन अपने मायके रहने के बाद जब महिला अपने दोनों बच्चो को लेकर वापस लौटी तो कच्चा मकान बरसात के कारण गिर चुका था, हिम्मत जुटाकर महिला ने बच्चो के साथ टूटे मकान की सफाई करना शुरू किया तो मकान की दीवार एक बच्चे पर गिर गई, जिसमे बच्चा गम्भीर रूप से घायल हो गया, जिसे पड़ोसियों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के लिए एक बड़ी रकम का बोझ भी सर पर आन खड़ा हुआ। पीड़ित महिला ने बताया कि बरसात के दिनों में अक्सर उनके मकान में पानी भर जाया करता था जिसको लेकर प्रधान और अन्य जनप्रतिनिधियों के कई बार चक्कर लगाए लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। महिला ने बताया कि पानी भरने के कारण उनका मकान ढह गया और साफ सफाई करने के दौरान मकान की दीवार उसके बच्चे पर गिर गई, पीड़ित महिला मदद के लिए आस लगाए बैठी है। हालांकि पड़ोसियों द्वारा महिला की मदद की जा रही है लेकिन तमाम तरह के वायदे करने वाले जनप्रतिनिधि गायब है, ऐसे में सरकारी योजनाओं का बखान करने वाले नेता इस परिवार के लिए मात्र सफेद हाथी के अलावा कुछ नही।
