हरिद्वार TODAY
रुड़की: आईआईटी रुड़की के स्थापना को 175 वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को आइआइटी रुड़की स्थित लाल बहादुर शास्त्री मैदान में समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आइआइटी रुड़की 175 वर्षों का इतिहास गौरवशाली रहा है। आइआइटी रुड़की अनुसंधान में सबसे आगे है। उन्होंने संस्थान से जुड़े सभी अधिकारी वैज्ञानिक, प्रोफेसर,स्टाफ व छात्रों को बधाई दी। आइआइटी रुड़की शिक्षा में उत्कृष्टता का वैश्विक स्तर प्राप्त करने, अपने इनोवेटिव रिसर्च से सस्टेनेबल और समतापूर्ण समाज बनाने में प्रयासरत रहा है। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि आइआइटी रुड़की सदैव राष्ट्र सेवा में समर्पित रहेगा और भारत के लिए विश्व गुरु की योग्यता और पहचान सुनिश्चित करेगा। इससे पूर्व मुख्य अतिथि ने ध्वजारोहण कर समारोह का शुभारंभ किया। संस्थान के चेयरमैन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स प्रो बीवीआर मोहन रेड्डी, निदेशक प्रो केके पंत आइआइटी रुड़की से इतिहास पर प्रकाश डाला। साथ ही संस्थान की उपलब्धियां बताई। इस मौके पर संस्थान के 175 वीं सालगिरह समारोह समिति के अध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार, नगर निगम के महापौर गौरव गोयल, शहर विधायक प्रदीप बत्रा आदि सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आइआइटी रुडकी देश की अग्रणी संस्थानों में से एक है। देश व क्षेत्र के विकास में आइआइटी रुड़की अहम योगदान दे रहा है। लोक सभा अध्यक्ष शुक्रवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के 175वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रुप में भारत सरकार में डाक विभाग के सचिव विनीत पांडे के रुप में मौजूद रहे।
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1847 में हुई थी स्थापना
आइआइटी रुड़की की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य के पहले इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में 1847 में हुई थी। इंजीनियरिंग शिक्षा, अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) में यह संस्थान लगातार प्रगति पर है।
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आइआइटी का स्मारक टिकट किया जारी
समारोह के दौरान आइआइटी रुड़की स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। डाक टिकट जारी करते हुए भारत सरकार के डाक विभाग के सचिव विनीत पांडे ने कहा कि आइआइटी रुड़की प्रौद्योगिकी शिक्षा और समाज के विकास में योगदान देने वाला सुप्रतिष्ठित संस्थान है। संस्थान के सफर में इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकट जारी करना उनके लिए सम्मान की बात है। आइआइटी रुड़की में उद्यमी बनने की सशक्त संस्कृति है। संस्थान के कई पूर्व छात्रों के प्रौद्योगिकी और सामाजिक उद्यम भारत और विदेशों में सफल हैं। ये पूर्व छात्र आईआईटी रुड़की की उत्कृष्टता की विरासत को आगे ले जा रहे हैं। विशेष कर इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में योगदान देकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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स्टार्टअप एक्सपो 2022 रहा मुख्य आकर्षण
आईआईटी रुड़की के 175वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य आकर्षण स्टार्टअप एक्सपो 2022 रहा। जिसमें संस्थान के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम से सहयोग प्राप्त लगभग 130 स्टार्ट-अप शामिल थे। इनमें लगभग 50 स्टार्ट-अप्स ने उत्तराखंड क्षेत्र के 100 से अधिक उद्योगों के समक्ष अपने प्रोडक्ट/प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया। जो मुख्य रूप से रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हेल्थकेयर और इलेक्ट्रिक वाहन सहित संबद्ध डोमेन से जुड़े थे।
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इनका हुआ लोकार्पण
समारोह के दौरान मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने एक स्मारक डाक टिकट, सिक्का और एक कॉफी टेबल बुक का लोकर्पण भी किया गया।
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पिक्चर गैलरी में नजर आया इतिहास
संस्थान ने 1900 से पूर्व के स्नातक में पांच दिग्गजों लाला दीन दयाल (1866 बैच), सर गंगा राम (1873 बैच), पंडित शिव नारायण अग्निहोत्री (1868 बैच), मिर्जा मोहम्मद हादी अली ‘रुसवा’ (1876 बैच) और राजा ज्वाला प्रसाद (1900 बैच) के बड़े आकार के तैल चित्रों की एक पिक्चर गैलरी प्रदर्शित की। इसके अलावा आसमान से आईआईटी रुड़की की शानदार ड्रोन बल्ब यात्रा की प्रस्तुति भी शामिल थी, जो रुड़की शहर के हर कोने से दिखाई दे रही थी।