हरिद्वार TODAY
रुड़की: आईआईटी रुड़की में भूकम्प इंजीनियरिंग पर 17 वीं संगोष्ठी का सोमवार को आयोजन किया गया, जिसमें 14 देशों के भूवैज्ञानिक, भूकम्पविदों और कई वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया, वही कार्यक्रम में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने भी शिकरत की, इस दौरान उन्होंने आईआईटी के भूकम्प विभाग का बारीकी से निरीक्षण किया।
सोमवार को आइआइटी रुड़की के मैक ऑडिटोरियम में आयोजित संगोरूठी में उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने कहा कि भूकंप इंजीनियरिंग पर संगोष्ठी जैसे कार्यक्रम भूकंप के खतरों के बारे में ज्ञान का प्रसार और जागरूकता फैलाने में मदद करते हैं, हाल ही के दिनों में कई भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, ऐसे में भूकंप को लेकर उनके मन में भी कई तरह के सवाल उत्पन्न होते हैं, उन्होंने कहा कि भूकंप को तो आने से नहीं रोका जा सकता हैं लेकिन इसके खतरे और इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है, उन्होंने कहा कि भूकंप को लेकर सभी को जागरूक होने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि भवन इंजीनियरिंग में भूकंप का खासतौर से ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है, पिछले कुछ वर्षों से भूकंप को लेकर जनसामान्य भी जागरूकता आई है, उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी आने वाले समय में बेहद कारगर साबित होगी, साथ ही आइआइटी रुड़की जिस तरह से भूकंप के क्षेत्र में काम कर रहा है वह सराहनीय है।
वहीं आईआईटी के निदेशक प्रो. केके पंत ने कहा कि भूकंप प्राकृतिक आपदाएं हैं जो कमजोर इमारतों, लोगों और अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं, हालांकि, उन्नत अनुसंधान और समाधानों की मदद से भूकंप के हानिकारक प्रभाव को काफी कम किया जा सकता है, भूकंप के प्रभाव को कम करने के लिए समाधान खोजने के लिए बहु-विषयक अनुसंधान को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, इस दौरान उन्होंने कहा कि चार दिनों तक चलने वाली इस संगोष्ठी में भूकम्प से कैसे बचा जा सके और जानमाल के नुकनासन को कैसे रोका जा सके इन सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जाएगा साथ ही वैज्ञानिक अपने शोधपत्रों को भी प्रस्तुत करेंगे।