हरिद्वार के सिविल अस्पताल में सैकड़ों आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया क्षेत्र की सभी आशाओं को खून की जांच के लिए अस्पताल बुलाया गया था जब आशाएं खून के नमूने देने लगी तो सैंपल ले रहे युवकों ने प्रति आशा से 50 रुपए मांगे जिस पर कुछ आशाओं ने तो रुपए दे दिए लेकिन अधिकांश आशाओं ने इसका विरोध किया और हंगामा शुरू कर दिया मामला बिगड़ता देख निजी लैब के कर्मचारी मौके से भाग निकले अस्पताल के सीएमएस संजय कंसल ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से आशाओं की खून की जांच कराई जा रही है इसमें आशा का ब्लड ग्रुप और हीमोग्लोबिन जांचा जा रहा है. आशा फैसिलिटेटर ने सभी आशाओं को शनिवार को खून की जांच के लिए रुड़की सिविल अस्पताल के रैन बसेरा में बुलावा था जैसे ही आशाएं अस्पताल के रैन बसेरा पहुंची तो वहां पर सरकारी अस्पताल के बजाए निजी पैथोलॉजी लैब के चार कर्मचारी बैठे हुए थे उन्होंने आशाओं के खून के नमूने लेने शुरू कर दिए साथ ही खून जांच के नाम पर 50-50 रुपए भी जमा करने लगे. इस दौरान रुपए लेने पर कुछ आशाएं भड़क गईं। आशा एसोसिएशन की अध्यक्ष शोभा भट्टनागर ने अन्य आशाओं से रुपए लेने का विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया साथ ही जमकर नारेबाजी भी की आशाओं ने सवाल किया कि उनसे किस बात के रुपए लिए जा रहे हैं वहीं जब इस मामले की जानकारी अस्पताल के सीएमएस डॉ. संजय कंसल को लगी तो उन्होंने तुरंत ही मामले का संज्ञान लेते हुए सेशन साइट इंचार्ज रामकेश गुप्ता को मौके पर भेजा लेकिन तब तक निजी पैथोलॉजी लैब के कर्मचारी फरार हो चुके थे।