उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में जहरीली शराब कांड के कारण सोमवार को एक और व्यक्ति ने दम तोड़ दिया है अभीतक हरिद्वार जहरीली शराब कांड में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी और हरिद्वार एसएसपी के बयानों में विरोधाभास नजर आ रहा है।
पथरी जहरीली शराब कांड में मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को हरिद्वार जहरीली शराब कांड में 8वीं मौत हुई है जिस व्यक्ति की मौत हुई है,उसका एम्स में इलाज चल रहा था जिसने सोमवार को दम तोड़ दिया। जिस व्यक्ति ने सोमवार को एम्स में इलाज के दौरान दम तोड़ा है उसका नाम सुखराम (40) निवासी शिवगढ़ था सुखराम की तीन दिन पहले जहरीली शराब पीने की वजह से तबीयत खराब हो गई थी उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था लेकिन यहां भी जब उसकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ तो उसे ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है जहां इलाज के दौरान सुखराम की मौत हो गई है।
हरिद्वार जहरीली शराब कांड में तीन दिनों के भीतर वैसे तो लोगों में चर्चा है कि 11 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन जिला प्रशासन तीन दिन पहले हुई तीन लोगों की मौत का कारण जहरीली शराब पीनी नहीं मान रहा है ऐसे में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से हरिद्वार जहरीली शराब कांड में 8 लोगों की मौत हुई है पथरी थाना क्षेत्र में हुए शराब कांड को लेकर हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने सबसे पहले लिखित बयान जारी कर साफ किया था कि यह चार मौत जहरीली शराब पीने के कारण नहीं हुई थी बल्कि दो को मौत अत्यधिक शराब पीने के कारण हुई है। उन्होंने कहा था कि पूछताछ में पता चला है कि बिरमपाल निवासी ग्राम शिवगढ़ उम्र लगभग 70 वर्ष का बीमार होने व मदिरा का सेवन न किया जाना प्रकाश में आया है अमरपाल निवासी ग्राम फूलगढ़ उम्र लगभग 30 वर्ष की मौत 9 अगस्त को आपसी मारपीट के कारण होना प्रकाश में आया है जिसके संबंध में थाना पथरी में भी मुकदमा पंजीकृत है। ग्राम फूलगढ़ में मनोज उम्र लगभग 40 वर्ष की मृत्यु अत्यधिक शराब का सेवन करने के कारण होना प्रकाश में आया है. डीएम के बयान में कहीं भी जहरीली शराब को मौतों का कारण नहीं बताया गया था. जबकि एसएसपी ने रविवार को की प्रेस वार्ता में एक प्रधान प्रत्याशी को गिरफ्तार कर साफ किया था कि मौतों का कारण शराब पीना है और जिस व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उस व्यक्ति के घर में ही इन सब लोगों ने शराब पी थी. ऐसे में अब यह विरोधाभास है कि आखिरकार जिलाधिकारी का बयान सही है या फिर एसएसपी का।