हरिद्वार TODAY
रूड़की क्षेत्र में एक वर्ष पूर्व बना दिल्ली-हरिद्वार हाईवे खतरों का हाईवे बना हुआ है। दो दिन पूर्व हाईवे स्थित पुल का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ और संबंधित ठेकेदार द्वारा आनन-फानन में उसकी लीपापोती कर बंद कर उस हिस्से की मरम्मत कर दी गई। लेकिन सवाल यह बना है कि आखिर एक वर्ष में ही करोड़ो की लागत से बने इस पुल की इस स्थिति का जिम्मेदार आखिर कौन है।
दरअसल करोड़ों की लागत से तैयार किए गए रुड़की बायपास का उद्घाटन हरिद्वार महाकुंभ के दौरान हुआ था। मंगलौर से कोर कॉलेज तक करीब पंद्रह किलोमीटर दूरी वाले इस बायपास में करीब सात पुल हैं। सोमवार दोपहर टोडा खटका के समीप स्थित सोलानी नदी के ऊपर से गुजर रहे पुल का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हाईवे होने के कारण इस पर वाहन भी तेज गति में दौड़ते हैं लेकिन गनीमत यह रही कि कोई वाहन पुल के इस क्षतिग्रस्त हिस्से में नही आया। अगर कोई वाहन इसमें आ जाता तो हादसा बड़ा हो सकता था। वही मामले की जानकारी पाते ही मंगलवार सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम और ठेकेदार के कर्मचारी उक्त स्थान पर पहुंच गए और क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत आनन-फानन में शुरू कर दी। करीब 2 दिन लगातार मरम्मत करने के बाद उस क्षतिग्रस्त हिस्से को तो बंद कर दिया गया। लेकिन यह घटना अपने पीछे बड़ा सवाल छोड़कर गई है कि आखिर करोड़ों की लागत से बने इस हाईवे में करीब एक वर्ष के भीतर ही इस प्रकार से सड़क का धंसने का आखिर जिम्मेदार कौन है। क्या यह किसी बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा नही करता है। अब देखने वाली बात होगी कि संबंधित विभाग निर्माण कंपनी पर कोई कार्रवाई करती है या नहीं, या फिर इस हाईवे पर किसी बड़े हादसे के इंतजार में विभाग अपने हाथ में हाथ बांधकर बैठेगा। वही हिमालय कंट्रक्शन का कोई भी अधिकारी या एन,एच का कोई भी अधिकारी मामले में कुछ भी बोलने से बचते नज़र आ रहा है।