रमजान उल मुबारक के पहले जुमे की नमाज नगर और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में अकीदत के साथ अदा की गई, वहीं नमाज अदा करने से पहले उलेमाओं ने रमजान की फजीलत बयान की, जामा मस्जिद में मौलाना निसार अहमद ने अपने बयान में कहा की अल्लाह ने रमजान के महीने को कई प्रमुख कारणों से दूसरे महीनों की तुलना में बहुत ही अफजल बनाया है, यह वह महीना है जिसमें कलाम-ए-पाक अवतरित हुआ और इस माहे रमजान में हर नेक काम के बदले अल्लाह तआला उसका 70 गुणा सवाब बढ़ा देता है।
वहीं मौलाना अजहर उल हक ने कहा कि रमजान शरीफ में रोजा रखने और इबादत करने का विशेष महत्व है, रमजान में जहां प्रातः सूर्योदय से पूर्व से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखा जाता है, तो वहीं पांच वक्त की नमाज और तरावीह की विशेष नमाज भी अदा की जाती है, जुमे की नमाज के बाद नगर की जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में रोजेदारों ने देश व प्रदेश में अमन चैन और खुशहाली के साथ ही कौम की तरक्की की विशेष दुआएं मांगी।