हरिद्वार TODAY
रुड़की में खानपुर से विधायक उमेश कुमार ने अपने कैम्प कार्यालय पर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया, इस दौरान उमेश कुमार ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार के परिजनों से संबंधित सोशल म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी में 180 करोड़ की मनी लांड्रिंग के मामले में एक बार फिर हमला बोला है, प्रेसवार्ता के दौरान उमेश कुमार ने मनी लांड्रिंग के मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी जाने का विरोध करते हुए कहा कि ईओडब्ल्यू सरकार के अधीन है, ऐसे में जांच का निष्पक्ष होना सम्भव नही है, इसलिए इस मामले की जांच ईडी या सीबीआई से कराई जानी चाहिए, उन्होंने कहा यदि ऐसा नही किया गया तो वह मान्य उच्च न्यायालय की शरण लेंगे।
बता दे कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार की कम्पनी में 180 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शासन के निर्देश पर इसकी जांच अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई है, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डा वी मुरुगेशन ने आर्थिक अपराध शाखा को जांच सौंपने के संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं, इस मामले को लेकर खानपुर विधायक उमेश कुमार ने सवाल खड़े किए है, उमेश कुमार ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के अंदर भाजपा की सरकार है और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी भाजपा से सीएम रह चुके है, इसलिए सरकार अपने ही पूर्व सीएम की जांच ऐसी एजेंसी से करा रही है जो सरकार के अधीन है, जिसकी निष्पक्षता होना संभव नही है, उमेश कुमार ने साफ कहा इस प्रकरण की जांच या तो ईडी से कराई जानी चाहिए या फिर सीबीआई से, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है, उमेश कुमार ने साफ तौर पर कहा यदि ऐसा नही किया गया तो वह मान्य उच्च न्यायालय की शरण मे जाएंगे।
पत्रकार वार्ता में उमेश कुमार ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला को काला धन अर्जित करने और उसे व्हाइट करने का आरोप भी लगाया, उन्होंने कहा साल 2020 में उन्होंने इस मामले को उठाया था, और साल 2021 में प्रधनमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, ईडी व अन्य जांच एजेंसियों को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की थी।