हरिद्वार TODAY
रुड़की के लंढोरा निवासी एक गर्भवती महिला को 27 नवंबर को नगला इमरती स्थिति स्वास्तिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद महिला की भी तबीयत बिगड़ गई थी, महिला को ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, एम्स अस्पताल में महिला का उपचार जारी है जहां पर उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है, इसे लेकर गुरुवार को परिजन अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया, और धरने पर बैठ गए, परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की हैं।
दरअसल रुड़की व आसपास के देहात क्षेत्रों में कुकुरमुत्तों की तरह उगे अस्पतालों में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है और सम्बंधित विभाग कुम्भकर्णी नींद सोया है, पिरान कलियर के एक निजी अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत के बाद अब लंढौरा में गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत का मामला सामने आया है, वही महिला की हालत नाजुक बताई जा रही है, परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण शिशु की मौत हुई और महिला मौत जिंदगी की जंग लड़ रही है, गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया, परिजनों के मुताबिक लंढौरा निवासी महिला को गर्भावस्था में 27 नवंबर को नगला इमरती स्थित स्वास्तिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण बच्चें की मौत हो गई और महिला की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद परिजन महिला को लेकर ऋषिकेश और देहरादून तक के हॉस्पिटल में लेकर गए, जहा महिला की हालत नाजुक बनी हुई है और मौत जिंदगी से झूज रही है, महिला के इलाज पर परिजनों ने लाखों रुपये खर्च कर दिए, परिजनों का आरोप है कि ये सब स्वास्तिक हॉस्पिटल के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुआ, बच्चे की मौत की खबर भी देर से दी गई और महिला का झोलाछाप डॉक्टरो ने इलाज किया, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया।