रुड़की: एक कहावत है कि एक तो गरीबी ऊपर से आटा गीला ,और यह सिद्ध होती है रुड़की में रामनगर की नई बस्ती में रहने वाली नीलम और सैंयोगिता पर, नीलम और सैंयोगिता दोनों सगी बहनें है इनका एक भाई भी है जो मेहनत मजदूरी कर अपने बच्चों की परवरिश करता है। ऐसे में नीलम और सैंयोगिता मेहनत मजदूरी कर अपना खर्च खुद उठा रही हैं, दोनों बहनों ने अपने विवाह के लिए दहेज भी इकट्ठा किया हुआ था, लेकिन एक पटाखे की चिंगारी से सारा सामान जलकर राख हो गया।
दरअसल साल 2012 में इन दोनों बहनों के सर से इनके पिता का सहारा उठ गया था, जिसके 3 साल बाद इन दोनों बहनों की माँ भी भगवान को प्यारी हो गई। अब किसी तरह मेहनत मजदूरी कर दोनों बहनें अपना पेट पाल रही थी साथ ही अपने विवाह के लिए थोड़ा-थोड़ा दहेज़ का सामान इकट्ठा कर रही थी, लेकिन छोटा घर होने की वजह से इन्होंने अपने विवाह का सारा दहेज़ का सामान मकान की छत के ऊपर बने एक टीन शेड के नीचे रक्खा हुआ था, 2 महीने बाद ही इन दोनों बहनों की शादी होनी थी, वहीं रविवार की सुबह अचानक पटाखे की एक चिंगारी कहीं से आकर इनके समान पर गिरी और सारा इकट्ठा किया हुआ दहेज़ का सामान कुछ ही मिनटों में जलकर राख हो गया।
वहीं अब दोनों बहनें टकटकी लगाए किसी की मदद का इंतेज़ार कर रही है, हालांकि रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा ने इन्हें आश्वासन दिया है कि वह मुख्यमंत्री से इन्हें राहत ज़रूर दिलाएंगे, अब देखना यह होगा कि इन बेसहारा बहनों को किस से और क्या मदद मिलती है।