हरिद्वार TODAY
रुड़की: आईआईटी रूड़की में गुरुवार को राष्ट्रीय प्रोधोगिकी दिवस के मौके पाए एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सै नि) कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमृतकाल के 25 सालों में भारत विश्व गुरु बन जाएगा। हर क्षेत्र में देश तरक्की कर रहा है। तकनीकि में भारत लगातार नये आयाम स्थापित कर रहा है।
बता दें कि राष्ट्रीय तकनीकि दिवस पर आईआईटी रुड़की के मल्टी एक्टिविटी सेंटर के ऑडिटोरियम में इंटीग्रेटेड अप्रोच इन साइंड एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर विषय पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम की शुरूआत में आईआईटी रुड़की का कुलगीत गाया गया। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर केके पंत, ब्रिगेडियर कृष्णेंदु दास, एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. मीनू सिंह, एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी, हीरो मोटोकार्प के प्लांट हेड यशपाल सरदाना, आईआईटी के उपनिदेशक यूपी सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने जय हिन्द बोलकर अपने भाषण की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि भारत ने वर्ष 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। भारत में परिस्थितियां लगातार बदल रही है। आत्म निर्भर भारत बन रहा है। जिसे दुनिया की कोई ताकत अब नहीं रोक सकती है। कहा कि देश के तकनीकि संस्थान देश के आगे ले जाने काम कर रहे हैं। आईआईटी रुड़की इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की ने गंगा और सिविल इंजीनियरिंग आदि पर जो शोध किये हैं वह काबिले तारीफ हैं। राज्यपाल ने आईआईटी रुड़की के इंजीनियर और वैज्ञानिक की तुलना ऋषिमुनियों से की। उन्होंने आईआईटी के वैज्ञानिक व इंजीनियर को तकनीकि क्षेत्र के ऋषिमुनी बताया। उन्होंने कहा कि यह इंजीनियर व वैज्ञानिक देश को उपलब्धियों की ऊंचाइयों तक ले जाने का काम कर रहे हैं। जिस तरह से जय किसान, जय जवान बोला जाता है। उसी तरह से जय विज्ञान भी बोला जाना चाहिए। क्योंकि विकास मेें विज्ञान भी अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जो प्राकृतिक संसाधन हैं। जो वह पूरे विश्व में नहीं है। उन्होंने उत्तराखंड को पूरे विश्व का वेलनेस केंद्र बताया। यहां की आबोहवा और प्राकृतिक संसाधनों कोई मुकाबला नहीं है। इससे पहले आईआईटी डायरेक्टर प्रो. केके पंत ने संस्थान के बारे में विस्तार से बताया। प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने आईआईटी के रिचर्स प्रोजेक्ट के बारे में बताया। प्रोफेसर अपूर्व शर्मा ने नई शिक्षा नीति पर संस्थान में हो रहे कार्याें को बताया। प्रोफेसर मुकेश कुमार बरुआ ने भी विचार रखे। इससे पूर्व राज्यपाल ने मूक बधिर बच्चों के लिए बनाए गए अनुश्रुति विद्यालय को भी देखा और बच्चों से मुलाकात की।