रुड़की: केरल के महामहिम राज्यपाल आरिफ मौहम्मद खान गुरुवार को पिरान कलियर पहुँचे जहां उन्होंने दरगाह साबिर पाक में अक़ीदत की चादर और फूल पेश कर अमनो सलामती की दुआएं मांगी। वहीं चादरपोशी के बाद हज हाउस सभागार में आयोजित स्वागत समारोह में राज्यपाल का बुके देकर स्वागत किया गया, वही मौजूद लोगों को राज्यपाल ने सम्बोधित किया।
इसके बाद हज हाउस के सभागार में आयोजित स्वागत समारोह में राज्यपाल ने शिरकत की। इस दौरान जिम्मेदार लोगों ने राज्यपाल का फूल मालाओं से स्वागत किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल आरिफ मौहम्मद खान ने कहा कि ये ऐसे सूफी की धरती है जहां से आपसी भाईचारे का पैगाम निकलता है। उन्होंने कहा इंसान को इंसान के काम आना चाहिए, पूरी दुनियां एक खुदा की मखलूक है किसी को हिकारत की नजर से नही देखना चाहिए। उन्होंने कहा में अपनी अक़ीदत का इजहार करने के लिए दरबार मे पेश हुआ हूँ, पूरे मानव कल्याण के लिए दुआएं मांगी है। उन्होंने कहा सूफी बुजुर्गों की तालीम यही है की इंसानियत और प्यार मुहब्बत को कायम करे।
वहीं इस मौके पर उन्होंने दिल्ली की दरगाह शरीफ हजरत निजामुद्दीन औलिया का एक वाक्या बताते हुए कहा कि किसी भी सूफी ने जातिवाद या धर्मवाद को बढ़ावा नही दिया, हर सूफी बुजुर्ग ने इस धरती पर इंसानियत का संदेश दिया है और हर इंसान को दूसरे इंसान से मुहब्बत करने का पाठ पढ़ाया है। हमारा काम किसी की जिंदगी में ना दखल देना है और ही फैसला करना ये काम सिर्फ ईश्वर का है, हमारा काम सिर्फ सेवा करना है हमे इसी भाव से अपनी जिंदगी गुजारनी चाहिए।