हरिद्वार TODAY
रुड़की की गंगनहर में आए दिन लोगों के डूबने की घटनाएं सामने आती रहती हैं, ऐसे में अगर डूबने वाले को कोई बचा ले तो उसे किसी फरिश्ते से कम नहीं कहा जाएगा, ऐसा ही एक युवक रूड़की में रहता है, जो किसी फरिश्ते से कम नहीं है, यह युवक अब तक हजारों जिंदगी बचा चुका है, वहीं अब इस युवक को शहरवासी जलवीर के नाम से जानने लगे हैं, हालांकि युवक के पिता ने भी हजारों जिंदगी बचाई हैं।
वैसे तो आपने लोगों में काम करने का अलग-अलग जुनून सुना होगा, लेकिन आज हम आपको ऐसे युवक की कहानी बताने जा रहे है जो रूड़की शहर में जलवीर के नाम से जाना जाता है और गंगनहर में डूबते लोगों और जानवारों की जान बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा देता है, बताते चलें, रूड़की के सोलानी पार्क स्थित झुग्गी झोपड़ी में रहने वाला मोनू का परिवार पिछले कई सालों से गंगनहर में डूबने वाले लोगों और जानवरों की जान बचा रहे हैं और वह इस काम को निस्वार्थ भावना से कर रहे हैं, दरअसल पहले मोनू के पिता विजय गंगनहर में डूबते लोगों का सहारा बनते थे वो अब बुजर्ग हो गए है, इसलिए उन्होंने इस काम को अपने बेटे मोनू को सिखाया है, मोनू के पिता का कहना है कि उन्हें लोगों की जान बचाने के बाद बड़ा सुकून मिलता है, इसी लिए इस काम को उन्होंने अपने बेटे मोनू को सिखाया है, वहीं मोनू का कहना है कि इस साल फरवरी और मार्च महीने में 6 से 7 गंगनहर में डूबते लोगों की जान बचा चुका है, इससे पहले भी काफी लोगों की जान बचा चुके है इसका अंदाजा उन्हें भी नही है।
बताते चलें, करीब 40 वर्ष पूर्व डाक्खर मंडी जनपद पटियाला (पंजाब) निवासी विजय रूड़की में बिटी गंज स्थित गंगनहर में बने गऊघाट के पास आकर झुग्गी झोपड़ी डालकर रहने लगे थे, जिसके बाद विजय अपनी जान की परवाह न करते हुए गंगनहर में डूबने वाले लोगों व जानवरों की जान बचाने लगे, इसी के साथ विजय गंगनहर में पीछे से बहकर आ रहे शवों को भी निकालने लगे, वहीं विजय ने इस काम को बिना किसी लालच के करीब 40 सालों तक किया और उन्होंने गंगनहर में डूबने वाले हजारों लोगों की जिंदगी बचाई, इसी बीच उन्होंने अपने 15 वर्षीय बेटे मोनू को भी गंगनहर में तैरना सिखा दिया, इसी के साथ विजय ने अपने बेटे को ये भी सिखाया की डूबते इंसान को कैसे बचाया जाता है, विजय अब काफी बुजुर्ग हो चुके हैं, इस लिए अब उनका बेटा मोनू करीब पिछले 15 वर्षों से लोगों और जानवरों की जान बचा रहा है, हालांकि मोनू भी इस काम को निस्वार्थ भावना से ही कर रहा है, वहीं मोनू को इतना भी याद नहीं कि वह कितने लोगों की जान बचा चुका है, मोनू का कहना है कि उसको तो बचाने वालों की गिनती भी याद नहीं है, मोनू अपने परिवार के साथ पिछले कई सालों से सोलानी पार्क स्थित झुग्गी झोपड़ी में ही रहता है।
वहीं जलबीर मोनू के इस काम की सराहना जहां पूरे शहरवासी करते है तो वहीं पुलिस प्रशासन भी उनके इस योगदान की पूरी तारीफ करता है, क्योंकि मोनू सामाजिक काम में भी लोगों का पूरा सहयोग करता है।